ग्रेटर नोएडा के 15 गांव बनेंगे स्मार्ट विलेज, सेक्टर की तर्ज पर होगा विकास; क्या-क्या कराए जाएंगे काम

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले मायचा और घरबरा समेत 8 गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में संवारा गया है। यहां विकास कार्यों पर 70 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वहीं 15 और गांवों को सेक्टर की तर्ज पर संवारने का काम चल रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्राम विकास योजना के
अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्र के गांवों का संपूर्ण विकास कर उन्हें स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है।

चरणबद्ध तरीके से गांवों में सेक्टरों की तर्ज पर समान सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। प्राधिकरण के
वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार निम ने बताया कि अब खैरपुर गुर्जर गांव को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने का काम शुरू किया गया है। प्रथम चरण में सीवर, पेयजल पाइप लाइन और गांव की सभी गलियों में सीसी सड़क का निर्माण कराया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त बारात घर की मरम्मत और चारदीवारी के निर्माण का कार्य किया जा रहा है। इन कार्यों के होने से गांव की स्थिति में सुधार होगा। जगह-जगह पर हो रहे जलभराव से निजात मिल जाएगी।

अधिकारी के मुताबिक. क्षेत्र के गांवों में बाकी बचे विकास कार्यों को भी जल्द कराया जाएगा। इस संबंध
में अधिकारियों के निर्देश पर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसके अलावा ग्राम विकास योजना के अंतर्गत स्कूल, अस्पताल आदि की व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया जा रहा है।

ये गांव विकसित किए : ग्राम विकास के अंतर्गत अब तक मायचा, घरबरा, घंघोला, लडपुरा, तिलपता करनवास, सादुल्लापुर, कैलाशपुर और जलपुरा गांव को लगभग 69.09 करोड़ रुपये की लागत से सेक्टरों की तर्ज पर स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया गया है। हालांकि, इसके बाद भी लोगों की शिकायत रहती है कि गांवों में नियमित रूप से साफ-सफाई नहीं हो रही ।

यहां कार्य चल रहा
अधिकारी के मुताबिक, प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र के 15 गांवों को 45.15 करोड़ रुपये की लागत
से स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित जाने का कार्य किया जा रहा है। अगले एक साल में इसे पूरा कर
लिया जाएगा।

सुनील कुमार सिंह, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, “ग्राम विकास योजना के अंतर्गत प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले गांवों में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराकर उन्हें स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है। सड़क, सीवर, पेयजल पाइप, जल निकासी की व्यवस्था के अलावा स्कूलों का सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। खेल मैदान भी विकसित किए जा रहे हैं।”

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