यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र के गांवों के रहने वाले गरीब भूमिहीन किसान, मजदूरों के लिए भी मकान बनाने के लिए छोटे प्लॉट की योजना शुरू करेगा। इनका क्षेत्रफल 30-30 मीटर का रहेगा। फिलहाल ऐसे 8,000 प्लॉटों को चिह्नित करने का कार्य चल रहा है।
बता दें कि, विगत 25 मई को किसान कल्याण परिषद पदाधिकारियों की विभिन्न मांगों को लेकर प्राधिकरण सीईओ के साथ बैठक हुई थी। किसान कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुधीर त्यागी के नाम जारी पत्र में सीईओ ने कहा है कि सेक्टर-25 में करीब 8 गांवों के अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 7 प्रतिशत आबादी प्लॉट आवंटित किए जा चुके हैं। वहीं, जिन स्थानों पर 7 फीसदी के आबादी प्लॉट के लिए जमीन उपलब्ध है, वहां पर आगामी 15 दिन में आरक्षण पत्र और अगले 8 महीने में विकास कार्य करा कर प्लॉट आवंटित कर दिए जाएंगे।
भूमिहीन किसान मजदूरों को आबादी प्लॉट देने की मांग पर सीईओ ने स्पष्ट किया है कि चकरोड, नाली आदि सरकारी जमीन अधिग्रहण के बदले प्राधिकरण सरकारी रेट से दो गुनी रकम का भुगतान राजस्व विभाग को कर चुका है। प्राधिकरण छोटे प्लॉटों की योजना भी निकालने की तैयारी कर रहा है। आगामी बोर्ड बैठक में अनुमोदन के बाद इसकी योजना जारी की जाएगी।
स्थानीय युवाओं को रोजगार के मुद्दे पर उन्होंने जानकारी दी है कि प्राधिकरण क्षेत्र में 609 फैक्ट्रियों का काम चल रहा है। इनमें से 69 का निर्माण कार्य चल रहा है, जबकि 309 के नक्शा पास हो चुके हैं। जो फैक्ट्री चालू हैं, उनमें कार्यरत स्थानीय लोगों की सूची मांगी गई है। जिन फैक्ट्रियों में 40 प्रतिशत से कम स्थानीय लोग काम कर रहे हैं।
वहीं, यमुना प्राधिकरण ने शहर में विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए जमीन खरीद की प्रक्रिया तेज कर दी है। प्राधिकरण ने अब सेक्टर-5 और नौ की जमीन अधिग्रहण के लिए 27 किसानों की सूची का प्रकाशन किया है।
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में तेजी से विकास कार्य आगे बढ़ रहे हैं। कई परियोजनाओं की कागजी प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन अब तक जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ है। ऐसे में यहां पर कोई कार्य भी शुरू नहीं हो सके। इस कारण प्राधिकरण तेजी से अधिसूचित क्षेत्र की जमीन का अधिग्रहण कर रहा है। गुरुवार को प्राधिकरण ने सेक्टर-5 और नौ को विकसित करने के लिए जमीन खरीद की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। साथ ही, आकलपुर गांव के किसानों की सूची का भी प्रकाशन किया। वहीं, आकलपुर की जमीन सेक्टर-10 के अंतर्गत आ रही है, जहां पर पांच औद्योगिक पार्कों को विकसित किया जाना है। एयरपोर्ट शुरू होने के बाद शहर में तेजी से औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण, “विकास परियोजनाओं में किसी भी प्रकार की रुकावट न आए, इसलिए जमीन खरीदने की प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है। इस जमीन पर कई विशेष परियोजनाएं विकसित होंगी।”