दिल्ली-एनसीआर के लोग यहां पर घर खरीदने को प्राथमिकता दे रहे है. ऐसे में हमने रियल एस्टेट के जानकारों से इस बारे में जानने का प्रयास किया कि आखिर इसकी क्या कुछ वजह है.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा अगर आप आशियाना बसाना चाहते हैं तो आपको पहले की तुलना में ज्यादा खर्च खर्च करना होगा. इसकी वजह है ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जमीन और घरों का महंगा होना. यमुना अथॉरिटी ने जहां प्रोपर्टी की कीमत में 10% से 110% का इजाफा किया तो वहीं प्रोपर्टी की दरें पांच प्रतिशत बढ़ी है.
हालांकि, इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर के लोग यहां पर घर खरीदने को प्राथमिकता दे रहे है. ऐसे में हमने रियल एस्टेट के जानकारों से इस बारे में जानने का प्रयास किया कि आखिर इसकी क्या कुछ वजह है.
क्यों नोएडा-ग्रेटर नोएडा को प्राथमिकता
इस बारे में आरजी ग्रुप के डायरेक्टर हिमांशु गर्ग का कहना है, “जनपद में हुए इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और वैश्विक निवेश से नोएडा जैसी लोकेशन देश में लक्जरी डेस्टिनेशन का विकल्प बन गई है, जो देश के अन्य शहरों की तुलना में बेहतर बजट का घर दे सकती है. चुनिंदा भूखंडों की ऊंचे दरों पर बिक्री के कारण यहां प्रोमोटर्स द्वारा थीम आधारित और अल्ट्रा लक्जरी हाई राइज़ सोसाइटी का निर्माण हो रहा है, जहां यूनिट की औसत कीमत 3 करोड़ से ऊपर जा रही है. इसलिए नोएडा में हाई नेट वर्थ इंकम और एनआरआई खरीदारों की एंट्री भी हो रही है, जहां उनकी पसंद के प्रोजेक्ट विकसित किए जा रहे है. इससे घर खरीदारों का अन्य वर्ग दूसरे लोकेशन या रिसेल के तरफ जा सकता है.”
प्रीमियम प्रोपर्टी की तरफ खिंचाव
हालांकि, इस बारे में क्रेडाई, पश्चिमी यूपी से सचिव दिनेश गुप्ता का कहना है, नोएडा अपने लोकेशन और कानेक्टिविटी के कारण लक्जरी सेगमेंट में जा चुका है, जहां अब देश के नामी गिरामी प्रोमोटर्स द्वारा केवल प्रीमियम प्रॉपर्टी लॉन्च की जा रही है. चाहे सेंट्रल नोएडा हो या नोएडा एक्स्प्रेसवे, सीमित भूमि और प्राइम लोकैशन के कारण यहाँ यूनिट साइज़ बड़े और अपने उच्चतम दरों पर मिल रहे है.
उन्होंने आगे कहा कि लेकिन नोएडा में घर लेने वालों का एक निश्चित वर्ग है जो अपनी पसंद और क्लास से कॉम्प्रमाइज़ नहीं करना चाहेगा. ऐसे में घर खरीदारों का एक बड़ा तबका ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्स्प्रेसवे और गाजियाबाद सहित अन्य विकल्पों की तरफ जा सकता है जहां प्रॉपर्टी उनके बजट में हो.